Friday, 31 January 2014

भारतीय रेल

भारतीय रेल (आईआर) एशिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है तथा एकल प्रबंधनाधीन यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। यह १५० वर्षों से भी अधिक समय तक भारत के परिवहन क्षेत्र का मुख्य संघटक रहा है। यह विश्व का सबसे बड़ा नियोक्ता है, इसके १६ लाख से भी अधिक कर्मचारी हैं। यह न केवल देश की मूल संरचनात्‍मक आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है अपितु बिखरे हुए क्षेत्रों को एक साथ जोड़ने में और देश राष्‍ट्रीय अखंडता का भी संवर्धन करता है। राष्‍ट्रीय आपात स्थिति के दौरान आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने में भरतीय रेल अग्रणी रहा है।
अर्थव्यस्था में अंतर्देशीय परिवहन का रेल मुख्य माध्यम है। यह ऊर्जा सक्षम परिवहन मोड, जो बड़ी मात्रा में जनशक्ति के आवागमन के लिए बड़ा ही आदर्श एवं उपयुक्त है, बड़ी मात्रा में वस्तुओं को लाने ले जाने तथा लंबी दूरी की यात्रा के लिए अत्यन्त उपयुक्त हैं।
       यह देश की जीवन धारा हैं और इसके सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए इनका महत्वपूर्ण स्थान है। सुस्थापित रेल प्रणाली देश के दूरतम स्‍थानों से लोगों को एक साथ मिलाती है और व्यापार करना, दृश्य दर्शन, तीर्थ और शिक्षा संभव बनाती है। यह जीवन स्तर सुधारती है और इस प्रकार से उद्योग और कृषि का विकासशील त्वरित करने में सहायता करता है।भारत में रेलों की शुरुआत 1853 में अंग्रेजों द्वारा अपनी प्राशासनिक सुविधा के लिये की गयी थी परंतु आज भारत के ज्यादातर हिस्सों में रेलवे का जाल बिछा है और रेल परिवहन का सस्ता और मुख्य साधन बन चुकी है।सन् 1853 में बहुत ही मामूली शुरूआत से जब पहली अप ट्रेन ने मुंबई से थाणे तक (34 कि.मी. की दूरी) की दूरी को तय किया था, अब भारतीय रेल विशाल नेटवर्क में विकसित हो चुका है इसके 63,465 कि.मी.मार्ग की लंबाई पर 7,133 स्‍टेशन फैले हुए हैं। उनके पास 7,910 इंजनों का बेड़ा हैं; 42,441 सवारी सेवाधान, 5,822 अन्‍य कोच यान, 2,22,379 वैगन (31 मार्च, 2005 की स्थिति के अनुसार)। भारतीय रेल बहुल गेज प्रणाली है; जिसमें ब्राड गेज (1.676 मि मी) मीटर गेज (1.000 मि मी); और नैरो गेज (762 मि मी. और 610 मि. मी.) है। उनकी पटरियों की लंबाई क्रमश: 89,771 कि.मी; 15,684 कि.मी. और 3,350 कि.मी. है। जबकि गेजवार मार्ग की लंबाई क्रमश: 47,749 कि.मी; 12,662 कि.मी. और 3,054 कि.मी. है। कुल चालू पटरियों की लंबाई 84,260 कि.मी. है जिसमें से 67,932 कि.मी. ब्राड गेज, 13,271 कि.मी. मीटर गेज, और 3,057 कि.मी. नैरो गेज है। लगभग मार्ग किलो मीटर का 28 प्रतिशत, चालू पटरी 39 प्रतिशत और 40 प्रतिशत कुल पटरियों का विद्युतीकरण किया जा चुका है।

भारतीय रेल के दो मुख्‍य खंड हैं भाड़ा/माल वाहन और सवारी/भाड़ा खंड लगभग दो तिहाई राजस्‍व जुटाता है जबकि शेष सवारी यातायात से आता है। भाड़ा खंड के भीतर थोक यातायात का योगदान लगभग 95 प्रतिशत से अधिक कोयले से आता है। वर्ष 2002-03 से सवारी और भाड़ा ढांचा यौक्तिकीकरण करने की प्रक्रिया में वातानुकूलित प्रथम वर्ग का सापेक्ष सूचकांक को 1400 से घटाकर 1150 कर दिया गया है एसी-2 टायर का सापेक्ष सूचकांक 720 से 650 कर दिया गया है। एसी प्रथम वर्ग के किराए में लगभग 18 प्रतिशत की कटौती की गई है और एसी-2 टायर का 10 प्रतिशत घटाया गया है। 2005-06 में माल यातायात में वस्‍तुओं की संख्‍या 4000 वस्‍तुओं से कम करके 80 मुख्‍य वस्‍तु समूह रखा गया है और अधिक 2006-07 में 27 समूहों में रखा गया है। भाड़ा प्रभारित करने के लिए वर्गों की कुल संख्‍या को घटाकर 59 से 17 कर दिया गया है।
रेल...बचपन से ही जब ये नाम सुनता एक अजीब सा रोमांच शरीर में दौड़ने लगता.. रेलगाड़ी में बैठकर दूर शहरों में रहने वालों से मिलने की खुशी और दूसरा अपर बर्थ पर कूदते-फांदते धमाचौकड़ी मनाने की यादें...ट्रेन में यदा-कदा अब भी सफ़र करते हैं...लेकिन जनाब अब वो पहले वाली बात कहां...आनलाइन रिजर्वेशन, तत्काल सुविधाओं ने रेल की यात्रा अब कहीं ज़्यादा आसान बना दी है...बस अंटी में माल होना चाहिए....

भारतीय रेलवे के कुछ सुने-अनसुने तथ्य बताता हूं...ये तो आपको पता ही होगा कि भारतीय रेलवे विश्व में सबसे बड़ा नियोक्ता (नौकरी देने वाला संगठन) है...रेलवे के पास सोलह लाख कर्मचारी हैं..एक करोड़ तीस लाख मुसाफिर रोज़ भारतीय रेलवे की 14,300 ट्रेनों के माध्यम से यात्रा करते हैं...देश में करीब सात हज़ार रेलवे स्टेशन हैं...भारतीय रेलवे के पास 63,028 किलोमीटर लंबा रेल-ट्रैक
है...16,300 किलोमीटर ट्रैक पर बिजली से चलने वाली ट्रेन दौड़ सकती हैं...भारतीय ट्रेनें रोज़ कुल मिलाकर जितना सफ़र करती हैं वो पृथ्वी से चांद की दूरी से साढ़े तीन गुणा ज़्यादा है....आप ये जानकर हैरान होंगे कि आज़ादी से पहले रेलवे को चलाने के लिए 42 कंपनियां काम करती थीं...


भारतीय रेल...दिलचस्प तथ

पहली पैसेंजर ट्रेन कब चली...16 अप्रैल 1853, बॉम्बे और ठाणे के बीच

पहला रेलवे पुल...डैपूरी वायाडक्ट (मुंबई-ठाणे रूट पर)

पहली रेलवे सुरंग...पारसिक टनल

पहली अंडरग्राउंड रेलवे...कलकत्ता मेट्रो
पहला कंप्यूटरीकृत रेलवे रिज़र्वेशन सिस्टम शुरू हुआ... नई दिल्ली (1986)
पहली इलैक्ट्रिक ट्रेन...3 फरवरी 1925 को बॉम्बे वीटी और कुर्ला के बीच
ट्रेन में टॉयलेट सुविधा कब शुरू हुई...फर्स्ट क्लास (1891), लोअर क्लास (1907)

सबसे छोटे नाम वाला स्टेशन...आईबी (उड़ीसा)

सबसे बड़े नाम वाला स्टेशन... श्री वेंकटानरसिम्हाराजूवरियापेटा (तमिलनाडु)

व्यस्तम रेलवे स्टेशन...लखनऊ (64 ट्रेन की रोज़ आवाजाही)

सबसे लंबी दूरी तय करने वाली ट्रेन... जम्मू तवी और कन्याकुमारी स्टेशनों के बीच चलने वाली हिमसागर एक्सप्रेस( 74 घंटे 55 मिनट में 3751 किलोमीटर)

सबसे छोटी दूरी वाला रूट...नागपुर से अजनी (3 किलोमीटर)

बिना स्टॉप सबसे लंबी दूरी वाली ट्रेन...त्रिवेंद्रम राजधानी (528 किलोमीटर, 6.5 घंटे में)

सबसे लंबा रेलवे पुल...सोन नदी पर बना नेहरू सेतु (100,44 फीट)

सबसे लंबा प्लेटफॉर्म...ख़ड़गपुर (2733 फीट)
सबसे लंबी रेलवे सुरंग....कोंकण रेल लाइन पर कारबुडे सुरंग (6.5 किलोमीटर)
सबसे पुराना चालू इंजन... फेयरी क्वीन (1855)

सबसे तेज़ ट्रेन...भोपाल शताब्दी (140 किलोमीटर प्रति घंटा)

भारत में स्टीम इंजनों का निर्माण 1972 के बाद बंद हुआ...

सबसे छोटा शटल रूट भूल गए(किन्ही दो स्टेशनों के बीच में एक दिन में सबसे ज्यादा चक्कर लगाने वाली शटल)????


एट जंक्शन से कोंच(उ.प्र.),दूरी १३ कि.मी..... हरदिन ६ फेरे, शायद अलग से बनाई गई भारत की सबसे छोटी रेल लाइन भी यही है.. :)
भारतीय रेल




प्रकार रेल मंत्रालय, भारत सरकार का विभागीय उपक्रम

स्थापना १६ अप्रैल, १८५३, १९५५ में राष्ट्रीकृत

मुख्यालय नई दिल्ली, भारत

मुख्य पदाधिकारी केन्द्रीय रेलवे मंत्री:

ममता बैनर्जी

रेलवे राज्य मंत्री(V):

आर.वेलु

रेलवे राज्य मंत्री (R):

नारानभाई जे रथवा

अध्यक्ष, रेलवे बोर्ड:

कल्याण सी जेना

सेवित क्षेत्र भारत

उद्योग रेलवे तथा लोकोमोटिव

उत्पाद रेल यातायात, माल-यातायात, अन्य सेवाएं

कुल कारोबार INR ७२,६५५ करोड़ (२००८) (~18.16B USD)[१]

कर्मचारी ~१,२०,००,०००

मातृ कंपनी रेल मंत्रालय (भारत)

Divisions १६ रेलवे मण्डल (कोंकण रेलवे के अलावा)

वेबसाइट भारतीय रेल


जय हिंद...

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