Wednesday, 29 January 2014

ट्राइ (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया)

        ट्राइ (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) एक स्वायत्त रेगुलेटर है, जिसका गठन 1997 में भारत सरकार ने किया था। यह बॉडी टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया एक्ट के द्वारा अस्तित्व में आई थी। मकसद था कि देश में टेलीकॉम बिजनेस को रेगुलेट किया जा सके। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण का मिशन है कि देश में दूरसंचार के लिहाज से ऐसी परिस्थितियों का निर्माण करना, जो भारत को उभरते वैश्विक समाज में एक बेहतर मुकाम दिला सकने में समर्थ हो। ट्राइ का उद्देश्य है एक ऐसा उचित और पारदर्शी परिवेश उपलब्ध कराना, जो समान अवसरों के लिए प्रोत्साहित करें। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। टेलीकॉम रेगुलेटरी एक्ट के मुताबिक प्राधिकरण में एक चेयरपर्सन, दो पूर्णकालिक सदस्य और दो अंशकालिक सदस्य से ज्यादा नहीं होंगे। अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए ट्राइ समय-समय पर नए नियम और आदेश जारी करती रहती है, साथ ही भारतीय बाजार को बेहतर बनाने के लिए प्रतिस्पर्धात्मक माहौल प्रदान करती है। ट्राइ के कॉमन चार्टर ऑफ टेलीकॉम सर्विस, 2005 के मुताबिक सर्विस प्रोवाइडर अपने सब्सक्राइबर की प्राइवेसी का पूरा ख्याल रखेंगे। 
        अगर उपभोक्ता को अपनी समस्या का समाधान सर्विस प्रोवाइडर कॉल सेंटर द्वारा नहीं मिलता तो वह अपनी शिकायत नोडल ऑफिसर के यहां दर्ज करा सकता है। वहां से भी समस्या का उचित हल न मिल पाने पर उपभोक्ता अपीलेट अथॉरिटी में अपनी शिकायत कर सकता है। सर्विस प्रोवाइडर की जिम्मेदारी होती है कि वह सर्विसस के एक्टिवेशन के एक हफ्ते के भीतर उपभोक्ता को टैरिफ प्लान के बारे में जानकारी दे। बिना इसकी स्वीकृति के उसे वैल्यू एडेड सर्विस प्रदान नहीं की जा सकती।

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